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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं more info तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।

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